अवलोकन

यद्यपि दूरसंचार केंद्र सरकार का विषय है, फिर भी राज्य सरकार का समर्थन इस विषय में आवश्यक है कि वह विभिन्न अनुमतियाँ प्रदान करने के माध्यम से दूरसंचार सेवा प्रदाताओं/अवसंरचना प्रदाताओं को अपने संसाधनों के प्रयोग में, जो सार्वजनिक/निजी सम्पत्तियों पर लगाए जाते हैं, हेतु प्राविधानों को लागू करवाने में सहायता प्रदान करे । वर्ष 2014 में राज्य सरकार हेतु केन्द्रीय दूरसंचार विभाग द्वारा विभिन्न शासकीय निकायों/स्थानीय निकायों द्वारा अपनाई जाने वाली प्रक्रिया हेतु, जिसमें दूरसंचार क्षेत्र में विभिन्न सेवा प्रदाताओं/अनुज्ञापित संचालकों को अपने संसाधनों को बिहार राज्य के दूरसंचार क्षेत्र में स्थापित करने/बढ़ाने के लिए दिशा निर्देश निर्गत किए गए, इसमें एकल खिड़की क्लीयरेंस प्रणाली, जन शिकायतों इत्यादि की सुनवाई हेतु राज्य/जनपद स्तरीय समितियों के गठन का भी सुझाव दिया गया है।

उपरोक्त के संदर्भ में, बिहार सरकार ने “बिहार मोबाइल टावर, ओ एफ़ सी तथा संबन्धित दूरसंचार अवसंरचना नियम, 2020” तैयार किया है जो यह सुनिश्चित करने हेतु लागू किया गया है कि राज्य सरकार प्रदेश के सामाजिक आर्थिक परिदृश्य को त्वरित न्यायसंगत व समावेशी आर्थिक वृद्धि के माध्यम से परिवर्तित करने में राज्य के शहरी, ग्रामीण व दूरस्थ क्षेत्रों में सस्ती व गुणवत्ता पूर्ण दूर संचार सेवाएँ प्रदान कर अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका प्रभावी ढंग से निभाए।

“बिहार मोबाइल टावर, ओ एफ़ सी तथा संबन्धित दूरसंचार अवसंरचना नियम, 2020” को अधिसूचना संख्या 05/न वि/विविध-66/2020/2897 दिनांक 19.08.2020 द्वारा अधिसूचित किया गया था।

“बिहार मोबाइल टावर, ओ एफ़ सी तथा संबन्धित दूरसंचार अवसंरचना नियम, 2020” अवसंरचना प्रदाताओं (आई पी-1) तथा दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टी एस पी) को राइट ऑफ वे (आर ओ डब्ल्यू) की अनुमति प्रदान करता है जो बिहार में दूरसंचार अवसंरचना स्थापित करने की अनुमति हेतु इस पोर्टल की एकल खिड़की क्लीयरेंस प्रणाली का प्रयोग करते हुए आवेदन प्रस्तुत करते हैं ।यह नियम मुख्यत: भूमिगत व अधितल ऑप्टिकल फ़ाइबर केबल बिछाने तथा संबन्धित दूरसंचार अवसंरचना हेतु मोबाइल टावरों की स्थापना ही आच्छादित करता है। यह नियम आवेदकों को नियत समय सीमा के भीतर ही राइट ऑफ वे (आर ओ डब्ल्यू) क्लीयरेंस प्रदान करता है।